अति महत्वपूर्ण
सेवा में, 3 अप्रैल, 2020
माननीय अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |
महोदय,
आपका ध्यान दिनांक 31 मार्च, 2020 के ऑनलाइन समाचार पोर्टल “www.janjwar.com” के इस खबर “लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को गोरखपुर छोड़ने गए रोडवेज ड्राइवर को यूपी पुलिस ने बेरहमी से पीटा” की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ | सरकारी आदेश मिलने के बाद 29 मार्च को ग़ाज़ियाबाद के लालकुआँ से गोरखपुर यात्रियों को छोड़ने के लिए गए रोडवेज चालक के साथ राजधानी लखनऊ की सरहद के पास उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मारपीट करने का एक मामला प्रकाश में आया है।
घायल चालक ख़ुर्शीद अहमद (D-131) पलवल रोडवेज डिपो (हरियाणा) में कार्यगत हैं। ख़ुर्शीद अहमद ने जनज्वार से हुई बातचीत में बताया कि 28 मार्च की रात उनको पलवल बस डिपो से आदेश मिला कि कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में ग़ाज़ियाबाद में फँसे मज़दूरों को उन्हें गोरखपुर छोड़ने के लिए जाना होगा।
पुलिस द्वारा पीटे गये ड्राइवर खुर्शीद कहते हैं, मैंने पुलिसकर्मियों को बहुत समझाया भी कि वह सरकार के आदेश पर ग़रीब मज़दूर यात्रियों को गोरखपुर ले जा रहे हैं, मगर किसी ने एक न सुनी और लगातार पीटना जारी रखा
अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए अविलम्ब इस मामले की जांच कराते हुए न्यायोचित कार्यवाही करने हेतु सम्बंधित अधिकारियो को निर्देशित करने की कृपा करे | जिससे पीडित को न्याय मिल सके |
संलग्नक :
भवदीय
डा0 लेनिन रघुवंशी
सीईओ
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
+91-9935599333
लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को गोरखपुर छोड़ने गए रोडवेज ड्राइवर को यूपी पुलिस ने बेरहमी से पीटा
Posted on : April 2, 2020 6:23 pm
Updated on : April 2, 2020 6:34 pm
घटना के 4 दिन बाद भी इतनी गहरी चोट दिख रही है खुर्शीद अहमद के पैर में
पुलिस द्वारा पीटे गये ड्राइवर खुर्शीद कहते हैं, मैंने पुलिसकर्मियों को बहुत समझाया भी कि वह सरकार के आदेश पर ग़रीब मज़दूर यात्रियों को गोरखपुर ले जा रहे हैं, मगर किसी ने एक न सुनी और लगातार पीटना जारी रखा…
लखनऊ से असद रिजवी की रिपोर्ट
जनज्वार। सरकारी आदेश मिलने के बाद 29 मार्च को ग़ाज़ियाबाद के लालकुआँ से गोरखपुर यात्रियों को छोड़ने के लिए गए रोडवेज चालक के साथ राजधानी लखनऊ की सरहद के पास उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मारपीट करने का एक मामला प्रकाश में आया है।
घायल चालक ख़ुर्शीद अहमद (D-131) पलवल रोडवेज डिपो (हरियाणा) में कार्यगत हैं। ख़ुर्शीद अहमद ने जनज्वार से हुई बातचीत में बताया कि 28 मार्च की रात उनको पलवल बस डिपो से आदेश मिला कि कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में ग़ाज़ियाबाद में फँसे मज़दूरों को उन्हें गोरखपुर छोड़ने के लिए जाना होगा।
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आदेश मिलने के बाद 29 मार्च की सुबह वह ग़ाज़ियाबाद पहुँच गए, जहाँ उनकी गाड़ी के समेत पलवल डिपो से 76 और गाड़ियों को भेजा गया था।उनके अनुसार ग़ाज़ियाबाद से बस चालक करीब 54 गाड़ियों में यात्रियों जिनमें अधिकतर मजदूर तबके के लोग थे, को लेकर अलग-अलग ज़िलों में छोड़ने के लिए निकल पड़े।
ख़ुर्शीद अहमद पलवल बस डिपो की रोडवेज बस जिसका नंबर (एच आर 38 एस 0501) से गोरखपुर के लिए निकले। उन्होंने बताया जब वह राजधानी लखनऊ के बाराबंकी चौक रात क़रीब 12:30 पहुँचे, तो उन्होंने बस रोककर गोरखपुर राजमार्ग का रास्ता वहाँ मौजूद पुलिसकर्मियों से पूछा।
मगर रास्ता बताने के बजाय उत्तर प्रदेश पुलिस ने लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप लगाकर चालक ख़ुर्शीद अहमद के साथ ग़ालीगलौच कर मारपीट शुरू कर दी। चालक खुर्शीद कहते हैं, मैंने पुलिसकर्मियों को बहुत समझाया भी कि वह सरकार के आदेश पर ग़रीब मज़दूर यात्रियों को गोरखपुर ले जा रहे हैं।
पुलिस कमिश्नर को लिखा गया पत्र
लेकिन वहाँ मौजूद पुलिसकर्मियों ने खुर्शीद की एक बात नहीं सुनी और उसको बर्बरता के साथ लाठियों से पीटने लगे। पुलिसकर्मियों ने ड्राइवर को इतनी बुरी तरह मारा कि उसको आगे गोरखपुर तक बस चलाकर ले जाने में बहुत कष्ट सहना पड़ा। जो तस्वीर खुर्शीद ने जनज्वार के पास भेजी हैं, उनमें मार के निशान अभी भी साफ़ देखे जा सकते हैं।
पुलिस की मारपीट से घायल ख़ुर्शीद अहमद ने यात्रियों को किसी तरह गोरखपुर छोड़ा। वहाँ से वापिस पलवल आकर उन्होंने अपने अधिकारियों और कर्मचारी यूनियन नेताओं से इस घटना की शिकायत की है। अब घटना को लेकर पलवल बस डिपो के सभी चालकों व परिचालकों में उत्तर प्रदेश पुलिस के विरुद्ध रोष है।
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पलवल बस डिपो के सभी चालक व परिचालक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ख़ुर्शीद अहमद के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कराने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा ख़ुर्शीद अहमद ने लखनऊ के कमिश्नर सुजीत पंडे को भी एक पत्र लिखकर सारे मामले से अवगत कराया है और दोषियों के ख़िलाफ़ करवाई की मांग की है।
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