Monday 30 March 2020

जब खाने की समस्या नहीं थी तो अंकरी घास क्यों खा रहे थे मुसहर?

ख़बर के अनुसार बनारस की कोइरीपुर मुसहर बस्ती में लॉकडाउन के चलते पिछले तीन दिनों से लोगों के घर चूल्हे नहीं जले. पेट की आग बुझाने के लिए लोग घास खा रहे हैं. मुसहरों के पास सैनेटाइजर और मास्क की कौन कहे, हाथ धोने के लिए #साबुन तक नसीब नहीं है.

कमोबेश यही हाल पिंडरा की तीनों मुसहर बस्तियों का है. औरांव, पुआरीकला, आयर, बेलवा की मुसहर बस्तियों में लोगों को भीषण आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है. राशन न होने के कारण मुसहरों के घरों में चूल्हे नहीं जल पा रहे हैं.

#मुसहर समुदाय आज भी समाज में सबसे आखिरी पायदान पर खड़ा है. इस समुदाय में गरीबी और अशिक्षा भयानक है. इस समुदाय के लोग खेतों में मजदूरी करते हैं या मांगकर खाते हैं. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद इस समुदाय में विकास की रोशनी अभी तक नहीं पहुंची है.

वाराणसी में बीते 25 सालों से लेनिन रघुवंशी और श्रुति रघुवंशी मुसहर समुदाय के लोगों के अधिकारों और हितों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. दोनों पति-पत्नी हैं और डॉक्टरी की पढ़ाई के बाद उन्होंने इनके लिए काम करना ही अपना मकसद बना लिया.

#न्यूजलॉन्ड्री से बात करते हुए लेनिन रघुवंशी अख़बार में छपी ख़बर को जायज बताते हुए कहते हैं, ‘‘इसमें कोई दो राय नहीं की वहां मुसहरों की बुरी स्थिति थी. जिलाधिकारी ने बेवजह इस पूरे मामले को बढ़ा दिया. जहां तक इस घास की बात है तो यह बिना बोये उगता है. एक समय में लोग इसे खाते थे. 20 से 25 साल पहले तक. लेकिन बाद में आया कि इसे खाने से आंखें खराब हो जाती हैं. आज अगर कोई इसे खाता हो तो सिर्फ मज़बूरी में. जब मुसहर समुदाय के लोगों के पास खाने को नहीं था तो उनके बच्चे नमक से घास खा रहे थे. यह खाने के लिए नहीं होता है.’’

#रघुवंशी कहते हैं, ‘‘मीडिया में ख़बर आने के बाद लगभग 700 मुसहर परिवारों को प्रशासन ने राशन उपलब्ध कराया है. लोगों की स्थिति अब समान्य हो गई है. लेकिन सबको मालूम है कि मुसहरों की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है. हमारी कोशिश से यहां के कुछेक मुसहर पढ़ाई कर पाए है और एकाध विदेश कमाने जा सके हैं.’’

इस पूरे मामले में प्रशासन की नोटिस की समयसीमा अब समाप्त हो चुकी है. अख़बार अपने ख़बर के साथ खड़ा है. अब नोटिस के अनुसार जिलाधिकारी विधिक कार्यवाही कर सकते हैं. इसी बीच इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका भी दी गयी है.



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