Friday 8 May 2020

अति महत्वपूर्ण : अदलहाट में पंप मालिक की मौत को सुसाइड कहें या मर्डर?



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From: anup srivastava <anup.pvchr@gmail.com>
Date: Fri, May 8, 2020 at 2:27 PM
Subject: अति महत्वपूर्ण : अदलहाट में पंप मालिक की मौत को सुसाइड कहें या मर्डर?
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अति महत्वपूर्ण

सेवा में,                                    8 मई, 2020 

माननीय अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

महोदय,

     आपका ध्यान जनसंदेश टाईम्स ऑनलाइन न्यूज पोर्टल www.jansandeshtimes.page" की इस खबर "अदलहाट में पंप मालिक की मौत को सुसाइड कहें या मर्डर?" की और आकृष्ट कराना चाहता हूँ | मीरजापुर के अदलहाट कस्बे में दो पेट्रोल पंपों के संचालक शिवपाल सिंह की पत्नी श्रीमती मंजू सिंह ने खुलेआम आरोप लगाया है कि उनके पति ने सुसाइड नहीं किया, बल्कि उन्हें योजनाबद्ध ढंग से जान देने पर विवश किया गया। वो कहती हैं कि सेल्स आफिसर प्रशांत शर्मा पंप मालिकों के लिए मुसीबत का सबब बन गया था। अदलहाट थाना पुलिस की कहानी कुछ भी हो सकती है, लेकिन जनसंदेश टाइम्स के पास जो साक्ष्य मौजूद हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं। दो मई को सेल्स आफिसर प्रशांत शर्मा ने सुबह ठीक 8.48 मिनट पर शिवपाल को फोन किया और उन्हें जमकर धमकाया। आरोप है कि उन्हें तबाह करने की धमकी दी थी। उसी दोपहर में उनकी मौत हो गई। इसके बावजूद शातिर अभियुक्त प्रशांत शर्मा ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। करीब चार घंटे बाद अपराह्न 12.55 पर उसने दोबारा शिवपाल सिंह को फोन किया। घंटी बजी पर फोन उठा नहीं, क्योंकि इससे पहले ही उनकी जान जा चुकी थी। शिवपाल के मोबाइल फोन का स्क्रीन शॉट का सच तो यही कहानी कहता है। मीरजापुर के पंप मालिकों ने कलेक्टर को जो अर्जी दी है उसमें भी उन्होंने कहा है कि ये मामला सुसाइड का नहीं, मर्डर का है।

     शायद पुलिस की नजर में ये मामला संगीन नहीं है। तभी तो भूमिगत हो चुके एचपी के सेल्स आफिसर की धर-पकड़ की कवायद ठप सी पड़ी है। इस हाईप्रोफाइल मामले में अब मीरजापुर के एसपी डा.धर्मवीर सिंह का बयान का जो बयान आया है वो भी लिजलिजा है। कुछ वैसा ही बयान, जैसा अदलहाट के थाना प्रभारी ने दिया था कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। इसके बाद एक्शन लिया जाएगा। इस मामले में पुलिस ने कई दिन खर्च कर डाले हैं। मंजू सिंह कहती हैं कि अब पुलिस से भरोसा उठता जा रहा है।

     अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस केस में निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जाय एवं दोषियों और पुलिस के कार्यप्रणाली की भी जाँच की जाय | साथ ही मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिलाने की कृपा करे |

संलग्नक –

न्यूज लिंक - https://jansandeshtimes.page/article/adalahaat-mein-pamp-maalik-kee-maut-ko-susaid-kahen-ya-mardar-/Hvu4mB.html

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

Lenin Raghuvanshi

Founder and CEO

People's Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR)

An initiative of Jan Mitra Nyas ISO 9001:2008

SA 4/2 A Daulatpur, Varanasi - 221002 India

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अदलहाट में पंप मालिक की मौत को सुसाइड कहें या मर्डर?

May 7, 2020 • विजय विनीत (vijay vineet) • जनसंदेश एक्सक्लूसिव

मीरजापुर पुलिस की नीयत पर सवाल?

 


 

पुलिस अफसरों की चुप्पी भी इस बात का संकेत दे रही कि ज्यादा ताकतवर हैं मौत का खेल-खेलने वाले

हाईप्रोफाइल मामले में मीरजापुर के पुलिस अधीक्षक डा.धर्मवीर सिंह का बयान भी बेहद लिजलिजा

 

विजय विनीत के साथ संजय दुबे

 

अदलहाट (मीरजापुर)। इसे आत्महत्या कहें या हत्या? हालात तो यही कहते हैं कि अदलहाट के पेट्रोल पंप मालिक ने सुसाइड नहीं किया। इन्हें जान देने पर विवश किया गया। ऐसे में ये सुसाइड नहीं, मर्डर का केस बनता है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं, गवाही दे रही है एचपी के सेल्स आफिसर प्रशांत शर्मा की काली करतूत। 'जनसंदेश टाइम्स' ने कई ऐसे साक्ष्य जुटाए हैं जिनसे पता चलता है कि लाकडाउन शुरू होने के साथ ही पंप मालिक शिवपाल सिंह की मौत की पटकथा लिख दी गई थी। इस मामले में मीरजापुर के पुलिस अफसरों की चुप्पी भी इस बात का संकेत दे रही है कि मौत का खेल-खेलने वाले ज्यादा ताकतवर हैं।


मीरजापुर के अदलहाट कस्बे में दो पेट्रोल पंपों के संचालक शिवपाल सिंह की पत्नी श्रीमती मंजू सिंह ने खुलेआम आरोप लगाया है कि उनके पति ने सुसाइड नहीं किया, बल्कि उन्हें योजनाबद्ध ढंग से जान देने पर विवश किया गया। वो कहती हैं कि सेल्स आफिसर प्रशांत शर्मा पंप मालिकों के लिए मुसीबत का सबब बन गया था। अदलहाट थाना पुलिस की कहानी कुछ भी हो सकती है, लेकिन जनसंदेश टाइम्स के पास जो साक्ष्य मौजूद हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं। दो मई को सेल्स आफिसर प्रशांत शर्मा ने सुबह ठीक 8.48 मिनट पर शिवपाल को फोन किया और उन्हें जमकर धमकाया। आरोप है कि उन्हें तबाह करने की धमकी दी थी। उसी दोपहर में उनकी मौत हो गई। इसके बावजूद शातिर अभियुक्त प्रशांत शर्मा ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। करीब चार घंटे बाद अपराह्न 12.55 पर उसने दोबारा शिवपाल सिंह को फोन किया। घंटी बजी पर फोन उठा नहीं, क्योंकि इससे पहले ही उनकी जान जा चुकी थी। शिवपाल के मोबाइल फोन का स्क्रीन शॉट का सच तो यही कहानी कहता है। मीरजापुर के पंप मालिकों ने कलेक्टर को जो अर्जी दी है उसमें भी उन्होंने कहा है कि ये मामला सुसाइड का नहीं, मर्डर का है।

मीरजापुर के पुलिस अफसरों को ये घटना मामूली लग सकती है, लेकिन इंसानियत के लिहाज से काफी बड़ी है। पंप मालिक शिवपाल सिंह की बनारस के लहरतारा के किसी गुरुजी में खासी आस्था थी। उन्होंने अपने गुरुजी को व्हाट्सएप पर 17 अप्रैल से 23 अप्रैल के बीच चार मैसेज भेजे हैं। 17 अप्रैल के मैसेज में कहा गया है,-शर्मा जी को देख लीजिए...। 18 अप्रैल के मैसेज में इस बात का उल्लेख है कि गुरुजी, प्रशांत शर्मा का कुछ करिए प्लीज...। तीसरा मैसेज 21 अप्रैल का है, जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि गुरुजी, प्रशांत शर्मा बहुत परेशान कर रहा है..। 23 अप्रैल को भी उत्पीड़न की कहानी दोहराई गई है। मजमून है-गुरुजी सप्लाई लगाया हूं। प्रशांत शर्मा बहुत परेशान कर रहे हैं। कहानी बहुत लंबी है। उत्पीड़न का ये सिलसिला एक दिन का नहीं, पिछले छह महीने से चल रहा था।


शिवपाल सिंह के मोबाइल फोन पर आने वाले काल डिटेल पर गौर किया जाए तो ये सुसाइड नहीं, हत्या का मामला बन सकता है। अदलहाट पुलिस का हाल यह है कि वो अभी सोई हुई है। आला अफसरों का हाल भी यही है। घटना दो मई को हुई। उसी दिन तहरीर दी गई, पर उसे फेंक दिया गया। चार मई को तहरीर ली गई, लेकिन अदलहाट थाना प्रभारी ने इसे मामूली घटना मान लिया। उस दिन भी रपट नहीं लिखी। शायद पुलिस अफसरों को कलेक्टर के आदेश का इंतजार था। जिले भर के पंप मालिकों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया, तब रपट लिखी जा सकी।

शायद पुलिस की नजर में ये मामला संगीन नहीं है। तभी तो भूमिगत हो चुके एचपी के सेल्स आफिसर की धर-पकड़ की कवायद ठप सी पड़ी है। इस हाईप्रोफाइल मामले में अब मीरजापुर के एसपी डा.धर्मवीर सिंह का बयान का जो बयान आया है वो भी लिजलिजा है। कुछ वैसा ही बयान, जैसा अदलहाट के थाना प्रभारी ने दिया था कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। इसके बाद एक्शन लिया जाएगा। इस मामले में पुलिस ने कई दिन खर्च कर डाले हैं। मंजू सिंह कहती हैं कि अब पुलिस से भरोसा उठता जा रहा है।

 

अंदर की बात....

 

मांगते थे डीजल, तो शातिर प्रशांत शर्मा भेजता था पेट्रोल...!

 

अदलहाट (मीरजापुर)। एचपी कंपनी का सेल्स मैनजेर प्रशांत शर्मा पंप मालिकों के लिए हिटलर सरीखा था। खौफ इतना था कि चाहे वो जिसे राजा बना दे या फिर रंक। उसका खेल देखिए। शिवपाल सिंह के पंप पर ज्यादा खपत डीजल की थी, पर प्रशांत भेजता था पेट्रोल। मोबिल आयल की डिमांड न होने के बावजूद उसने लाकडाउन में तीन लाख सैंतालीस हजार रुपये का माल भेज दिया। खुला आरोप है कि पेट्रोल व मोबिल न बिकने पर वो उत्पीड़न करता था। यह आरोप शिवपाल की पत्नी मंजू सिंह का है। वो बताती हैं कि 30 जनवरी को पंप पर 15 हजार लीटर पेट्रोल भेजा गया, जबकि उनके पति ने उसकी डिमांड ही नहीं की थी। एचपी कंपनी को दोबारा मांग भेजी गई तो प्रशांत शर्मा ने तीन हजार लीटर पेट्रोल फिर भेज दिया। अदलहाट के सोना सर्विस स्टेशन के टैंक की क्षमता सिर्फ 16 हजार लीटर की है। परेशान करने के लिए घटना के एक दिन पहले ही 15 हजार लीटर पट्रोल फिर पम्प पर भेजा गया। इसके चलते तीन दिनों तक टैंकर को पंप पर खड़ा रहना पड़ा। एचपी कंपनी वाले सफाई दे रहे हैं कि पंप पर 10 लाख 72 हजार रुपये बकाया था, इसलिए कंपनी ने सप्लाई रोकी थी। जबकि घटना के दिन भी इस पंप पर 10 लाख 30 हजार का पेट्रो पदार्थ मौजूद था।

 

पंप मालिक शिवपाल सिंह की मौत के दिन ही सोना सर्विस स्टेशन के अलावा बैजनाथ-भोलानाथ पेट्रोल पंप, कुदारन और भंडारी फिलिंग स्टेशन जसवा (अहरौरा) की आनलाइन बिक्री रोक दी गई थी। सप्लाई तब चालू की गई जब पंप मालिक की मौत का मामला गरमाया। अभियुक्त भूमिगत है इसलिए जनसंदेश टाइम्स ने गुरुवार को एचपी के चीफ रिजनल मैनेजर प्रशांत शुक्ला से उनका पक्ष जानने की कोशिश की। कई बार प्रयास करने के बाद फोन (8777578853) उठा और बात भी हुई, लेकिन उन्होंने यह कहकर अपना पक्ष रखने से मना कर दिया कि वो इसके लिए अधिकृत नहीं हैं। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि आरोपों के बाबत हिन्दुस्तान पेट्रोलियम का पक्ष कौन रखेगा?

 


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