Date: Sat, May 9, 2020 at 9:11 AM
Subject: चर्चित पत्रकार रिजवाना की मौत को लाइव देख रहा था शातिर शमीम, मौत से पहले तबस्सुम ने दोस्त सैयद अली को व्हाट्सएप पर भेजी थी अभियुक्त की दुर्दांत कहानी
To: <ncw@nic.in>
Cc: lenin <lenin@pvchr.asia>
To,
The Chairperson
National Commission for Women
New Delhi
Respected Madam,
I want to bring in your kind attention towards the news published in the JanSandesh Times on 9 May, 2020 regarding चर्चित पत्रकार रिजवाना की मौत को लाइव देख रहा था शातिर शमीम, मौत से पहले तबस्सुम ने दोस्त सैयद अली को व्हाट्सएप पर भेजी थी अभियुक्त की दुर्दांत कहानी https://jansandeshtimes.page/article/charchit-patrakaar-rijavaana-kee-maut-ko-laiv-dekh-raha-tha-shaatir-shameem-maut-se-pahale-tabassum-/APjnOf.html
Therefore it is a kind request please take appropriate action at earliest.
Thanking You
Sincerely Yours
Lenin Raghuvanshi
Convenor
Peoples' Vigilance Committee on Human Rights
लाकडाउन के दौरान राशन घोटाले के चलते गंवानी पड़ी थी पत्रकार तबस्सुम को जान
रिजवाना की मौत की परतों को खोलने में जुटी पुलिस के हाथ लगे कई अहम सबूत
जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। बहुचर्चित युवा पत्रकार रिजवाना तबस्सुम की मौत के मामले में नया मोड़ सामने आया है। परिजनों के बयान को सच मानें तो अभियुक्त शमीम नोमानी ने व्हाट्सएप वीडियो पर बात की थी। बाद में फांसी लगाने पर विवश किया। रिजवाना के फांसी लगाने का सारा मंजर उसने व्हाट्सएप वीडियो पर देखा था। मौत से पहले रिजवाना ने अपने एक उस दोस्त को व्हाट्सएप मैसेज भेजा था जिसमें अभियुक्त नोमानी के उत्पीड़न और आतंक की कहानी दर्ज है। लोहता थाना पुलिस ने शुक्रवार को यह सुबूत अपने कब्जे में लिया। रिजवाना ने जिस मित्र के मोबाइल में यह मैसेज भेजा था, नोमानी के गुर्गे उसे मिटाने के लिए लगातार धमकियां दे रहे थे। पुलिसिया जांच-पड़ताल से यह राज भी खुला है कि रिजवाना की मौत इश्क में नहीं, लाकडाउन के दौरान शमीम अंसारी द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए राशन घोटाले के चलते हुई थी। शमीम लाखों रुपये का वो राशन भी घोंट गया था, जिसे जिला प्रशासन ने बनारस के मुफ्ती बातिन नोमानी के आग्रह पर भेजा था। विवाद की वजह राशन था। पत्रकार रिजवाना प्रशासन और कई संस्थाओं से मिले राशन को उन लाचार लोगों तक पहुंचाना चाहती थी, जिसकी सूची उसने खुद तैयार की थी।
पत्रकार रिजवाना के परिजनों के मुताबिक, जिस समय उसके कमरे का दरवाजा तोड़ा गया, उस समय उसका मोबाइल उस डाइरेक्शन में रखा हुआ था जिससे फांसी का पूरा सीन देखा जा सके। मोबाइल चालू हाल में था, इसलिए सुबह दस बजे तक मोबाइल की बैटरी खत्म हो चुकी थी। परिजनों को पुख्ता यकीन है कि अभियुक्त ने रिजवाना को फांसी लगाने पर विवश किया और व्हाट्सएप वीडियो के जरिये वह दृश्य देखता रहा। परिजनों ने घटना के पहले दिन ही साफ कर दिया था कि राशन को लेकर रिजवाना का शमीम नोमानी से चार मई को जमकर विवाद हुआ था। शुक्रवार को अभियुक्त के उत्पीड़न का एक बड़ा सुबूत पुलिस तक पहुंच गया। पुलिस ने समीपवर्ती गांव कोटवां के युवक सैयद अली के मोबाइल से रिजवाना की मौत से पहले भेजा गया व्हाट्सएप मैसेज का स्क्रीन शाट हासिल कर लिया। इसी युवक को अभियुक्त के गुर्गे लगातार धमकियां दे रहे थे। इन गुर्गों ने रिजवाना को भी भुगतने की धमकी दी थी। घटना के बाद भयभीत सैयद अली ने उस मोबाइल से सिम निकालकर रख दिया था जिसमें रिजवाना का मैसेज था। उसे डर था कि शमीम के गुर्गे उस सुबूत को मिटा सकते हैं।
सूत्र बताते हैं कि अभियुक्त शमीम नोमानी और उसके गुर्गे एक संस्था से राशन किट ले रहे थे और दूसरी संस्था को बेच दे रहे थे। रिजवाना इसके खिलाफ थी। वो सारा राशन उन गरीबों तक पहुंचाना चाहती थी जिसकी उसने सूची बनाई थी। इसकी सूची में शामिल लाभार्थियों की संख्या करीब तीन सौ से अधिक थी। जनसंदेश टाइम्स के पास वो सारे सबूत मौजूद ह जिन गरीबों को पत्रकार रिजवाना ने खुद राशन पहुंचाया था। साथ ही एक कागज पर सबके अंगूठों के निशान भी लगवाए थे। ये वो लोग थे जो भुखमरी की कगार पर पहुंच गए थे।
छेड़छाड़ में जेल जा चुका है शातिर शमीम नोमानी
रिजवाना से पहले आधा दर्जन लड़कियों को बनाया था निशाना
वाराणसी। चर्चित पत्रकार रिजवाना को आत्महत्या के लिए विवश करने वाले अभियुक्त शमीम नोमानी के बड़े-बड़े कारनामें हैं। रिजवाना अकेली लड़की नहीं है जो उसकी शिकार बनी हो। करीब आधा दर्जन लड़कियों को अपनी जाल में फंसा चुका है। वो स्कूली लड़कियों को भी तरह-तरह से परेशान करता था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, करीब सात साल पहले शमीम नोमानी ने लोहता के बड़ी बाजार में एक व्यक्ति की बेटी की जिंदगी नर्क कर दी थी। उस लड़की का स्कूल जाना मुहाल हो गया था। उस लड़की ने भी आत्महत्या करने की कोशिश की थी। परिजनों को भनक लगी तो उन्होंने कड़ा रुख अपनाया। लोहता थाना पुलिस में उसकी कारगुजारियों की शिकायत दर्ज कराई।
नोमानी ने जिस लड़की को परेशान कर रहा था वो उन दिनों स्कूली छात्रा थी। अब उसकी शादी हो चुकी है। पुलिस ने छेड़छाड़ की धारा 154 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। ये मामला कोर्ट में भी चला। बाद में लड़की की शादी हो गई तो उसके परिजनों ने कोर्ट में पैरवी छोड़ दी, जिसका उससे लाभ मिला। उस मामले में नोमानी बच निकला था। इस बीच नोमानी ने चार अन्य लड़कियों को भी अपनी निशाना बनाया। लोक-लाज के भय से इन लड़कियों ने जुबान नहीं खोली। आखिरी शिकार पत्रकार रिजवाना थी, जिसे उसने फांसी के फंदे तक पहुंचा दिया।
उसका कहना था कि हमसे ज्यादा वो लोग भूखे हैं जिनके पास कुछ भी नहीं है। उसने अपने अब्बू से कहा था कि गरीब तबके के लोग अगर भूखों मर जाएंगे तो हमारे पढ़े-लिखे होने और जीने का कोई अर्थ नहीं रहेगा। नुसरत ने यह भी बताया कि गरीबों की पीड़ा उसे नहीं देखी जाती थी। उसने अब्बू से कह दिया था कि अगले महीने आर्टिकिल के पारश्रिमक का जो भी पैसा आएगा वो गरीबों में खर्च करेगी। अब्बू के दवाओं के लिए पैसे का इंतजाम अपने भाई को करने के लिए कह दिया था।
नुसरत के मुताबिक शमीम के कहने पर उसने वसीम अकरम नामक युवक का पास इस लिए बनवाया था कि वो राशन बंटवाने में उसकी मदद करेगा। लेकिन पास लेकर वो मनमानी करने लगा। इस बात पर भी शमीम और रिजवाना के बीच विवाद हुआ। मुफ्ति ए बनारस बातिन नोमानी के आग्रह पर दो सौ राशन का किट प्रशासन की ओर से लोहता आया था। उसे नोमानी ने हड़प लिया था। साझा संस्कृति मंच के फादर आनंद ने भी करीब सौ किट रिजवाना के पास भेजवाया था। इस किट में आंटा, चावल, बेसन, चीन, तेल के अलावा मास्क भी थे। उसमें से काफी राशन शमीम ही हजम कर गया था। डायसेस संस्था ने भी गरीब मुसलमानों के लिए खूब राशन भेजा था। इसका बड़ा हिस्सा भी नोमानी के पास चला गया था। साझ संस्कृति मंच के मुखिया फादर आनंद ने जनसंदेश टाइम्स को बताया कि उन्होंने रिजवाना के पास राशन किट भेजा था। वो इसका ब्योरा जुटा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रिजवाना उनकी संस्था के सेवा कार्यों से करीब डेढ़ साल से जुड़ी थी। उसकी मौत से वो खुद भी आहत हैं।
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