Date: Mon, May 4, 2020 at 8:19 PM
Subject: अति महत्वपूर्ण : बनारस की बहुचर्चित युवा पत्रकार रिजवाना तबस्सुम नेक्यों लगाई फांसी? सपा नेता ने क्याथोपा था झूठा इल्जाम
To: <cmup@nic.in>
Cc: pvchr.india <pvchr.india@gmail.com>, Dr. Lenin Raghuvanshi <lenin@pvchr.asia>
अति महत्वपूर्ण
सेवा में, 4 मई, 2020
माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
उत्तर प्रदेश सरकार,
लखनऊ |
महोदय,
आपका ध्यान 4 मई, 2020 के ऑनलाइन न्यूज पोर्टल www.jansandeshtimes.page के इसव खबर "बनारस की बहुचर्चित युवा पत्रकार रिजवाना तबस्सुम ने क्यों लगाई फांसी? सपा नेता ने क्या थोपा था झूठा इल्जाम" की और आकृष्ट करवाना चाहता हूँ | वाराणसी। काशी की पत्रकार बिरादरी की एक तेज तर्रार बहुचर्चित महिला पत्रकार रिजवाना तबस्सुम ने रविवार की रात आत्महत्या कर ली। आरोप है कि एक सपा नेता ने रिजवाना पर झूठा इल्जाम लगाया था। दोनों के बीच रात करीब एक बजे विवाद हुआ। बाद में दो लाइन का सुसाइड नोट लिखकर रिजवाना फांसी पर झूल गई। इस घटना से बनारस के पत्रकार मर्माहत और सकते में हैं। रिजवाना की कई स्टोरीज राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो चुकी हैं।
बतौर स्वतंत्र पत्रकार अपने लेखन से परिवार का खर्च चलाने वाली रिजवाना तब्बसुम ने फंदे पर झूलने पहले लिखे सुसाइड नोट में सपा नेता शमीम नोमानी को जिम्मेदार ठहराया है। शमीम लोहता का रहने वाला है। वो समाजवादी पार्टी में कार्यकारिणी का सदस्य रहा है। रिजवाना की उससे दोस्ती थी। लाकडाउन में वो शमीम के साथ मिलकर गरीबों को राशन वितरित कर रही थी।
विदित हो कि रिजवाना बहुत ही निर्भी और तथ्यपरक महिला थी इस मामले में वाराणसी पुलिस के DYSP और CO तो न्याय परक कार्य कर रहे है परन्तु थाना लोहता की पुलिस इस मामले में लीपापोती कर रही है और पीडिता के मोबाईल के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है और इस केस को पूर्ण रूप से ख़त्म करने की कोशिश की जा रहे है |
अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए महिला पत्रकार द्वारा लगाये गए आरोपों की निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ न्यायोचित कार्यवाही करने और मृतका के परिजनों को उस्चित मुआवजा दिलाने की कृपा करे |
संलग्नक –
1. न्यूज का लिंक https://jansandeshtimes.page/article/jaanie-banaaras-kee-bahucharchit-yuva-patrakaar-rijavaana-tabassum-ne-kyon-lagaee-phaansee-sapa-neta/dg7aM4.html
2. माननीय मुख्यमंत्री द्वारा किये गए ट्विट को अपने फेस बुक पर शेयर का लिंक –
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1582288131939411&id=100004747175165
भवदीय
डा0 लेनिन रघुवंशी
Lenin Raghuvanshi
Founder and CEO
People's Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR)
An initiative of Jan Mitra Nyas ISO 9001:2008
SA 4/2 A Daulatpur, Varanasi - 221002 India
Mobile no.+91-9935599333
Email: lenin@pvchr.asia
Website: www.pvchr.asia
Blog: www.pvchr.blogspot.com
Like us on facebook: http://www.facebook.com/pvchr
JANSANDESH TIMES (HINDI DAILY)
जानिए... बनारस की बहुचर्चित युवा पत्रकार रिजवाना तबस्सुम ने क्यों लगाई फांसी? सपा नेता ने क्या थोपा था झूठा इल्जाम...?
May 4, 2020 • जनसंदेश न्यूज • वाराणसी-चंदौली
सपा नेता ने थोपा झूठा इल्लाम तो व्यथित होकर लगा ली फांसी
सुसाइड नोट के आधार पर लोहता पुलिस ने सपा नेता शमीम को किया गिरफ्तार
लाकडाउन में रिजवाना ने लिखी थीं यादगार स्टोरियां, सकते में पत्रकार बिरादरी
विशेष संवाददाता
वाराणसी। काशी की पत्रकार बिरादरी की एक तेज तर्रार बहुचर्चित महिला पत्रकार रिजवाना तबस्सुम ने रविवार की रात आत्महत्या कर ली। आरोप है कि एक सपा नेता ने रिजवाना पर झूठा इल्जाम लगाया था। दोनों के बीच रात करीब एक बजे विवाद हुआ। बाद में दो लाइन का सुसाइड नोट लिखकर रिजवाना फांसी पर झूल गई। इस घटना से बनारस के पत्रकार मर्माहत और सकते में हैं। रिजवाना की कई स्टोरीज राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो चुकी हैं।
विज्ञान में स्नातक रिजवाना तबस्सुम (28 साल) का रविवार की रात अपने आवास पर कमरे में फांसी लगाकर जान देना किसी के गले नहीं उतर रहा है। बतौर स्वतंत्र पत्रकार अपने लेखन से परिवार का खर्च चलाने वाली रिजवाना तब्बसुम ने फंदे पर झूलने पहले लिखे सुसाइड नोट में सपा नेता शमीम नोमानी को जिम्मेदार ठहराया है। शमीम लोहता का रहने वाला है। वो समाजवादी पार्टी में कार्यकारिणी का सदस्य रहा है। रिजवाना की उससे दोस्ती थी। लाकडाउन में वो शमीम के साथ मिलकर गरीबों को राशन वितरित कर रही थी।
पत्रकार रिजवाना तबस्सुम द वायर, न्यूज क्लिक, जनज्वार, द प्रिंट, एशिया लाइव, बीबीसी समेत तमाम पत्रिकाओं और न्यूज वेबसाइटों के लिए समसामयिक मुद्दों कवर करती थी। रविवार की रात 9.27 बजे रिजवाना ने न्यूज क्लिक को आखिरी रिपोर्ट भेजी थी। परिजनों के मुताबिक रात करीब एक बजे सपा नेता शमीम नोमानी ने उसे फोन किया था। उसने रिजवाना पर तमाम झूठे इल्जाम लगाए। शमीम ने उस पर कई लोगों के साथ नाजायज संबंध होने के झूठे आरोप जड़ दिए। रिजवाना इस इल्जाम को बर्दाश्त नहीं कर सकी। उसने चार शब्दों का सुसाइड नोट लिखा-शमीम नोमानी जिम्मेदार है। इस नोट को उसने अपने बिस्तर के पास लगे बोर्ड पर पिनअप किया। बाद में अपनी चुनरी निकाली और फांसी का फंदा लगाकर झूल गई।
लोहता थाना क्षेत्र के हरपालपुर की रहने वाली फ्रीलान्सर रिजवाना तबस्सुम की आत्महत्या की खबर सोमवार की सुबह जब परिजनों को लगी तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। मौत की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे सदर सीओ अभिषेक पाण्डेय ने सुसाइड नोट के आधार पर सपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। सीओ अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि रिजवाना की खोजी रपटों के वो भी कायल थे। ग्रामीण जनजीवन में किसानों और गरीबों की बदरंग जिंदगी से जुड़े मुद्दों को रिजवाना काफी अहमियत देती थी।
सुसाइड नोट के आधार पर सीओ ने तत्काल समीम नोमानी के खिलाफ धारा 306 (आत्महत्या के लिए प्रेरित करना) के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। नोमानी समाजवादी पार्टी की जिला कार्यकारिणी का सदस्य है। आगामी विधानसभा चुनाव में वो सपा से टिकट का दावेदार था। बनारस के लोहता थाने में बंद शमीम अभी भी रिजवाना का चरित्र हनन करने से बाज नहीं आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि शमीम की रिजवाना से दोस्ती थी। वो उससे शादी करना चाहता था, लेकिन रिजवाना अपने करियर पर ध्यान दे रही थी। शमीम का उसके दूसरे दोस्तों से बात करना काफी नागवार लगता था।
काफी होनहार थी रिजवाना
तेजतर्रार और प्रतिभाशाली युवा रिजवाना की मौत से बनारस के पत्रकार बेहद दुखी हैं। लाकडाउन के दौरान रिजवाना ने कई न्यूज वेबसाइटों के लिए यादगार स्टोरियां लिखीं। इन दिनों वो अपने करियर पर ज्यादा ध्यान दे रही थी। पत्रकार रिजवाना हमेशा सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ी हुई थी। जिसके लिए उसे कई प्रतिष्ठित संस्थानों की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका था। रिजवाना अपने पांच भाई बहनों में दूसरे नंबर की थी। इनकी मौत से उसके पिता अजीजुल हकीम, मांग अख्तरजहां, बड़े भाई मोहम्मद अकरम, छोटी बहन नुसरत जहां, इशरत जहां, छोटे भाई मोहम्मद आजम व मोहम्मद असलम का रो-रो कर बुरा हाल है।
No comments:
Post a Comment