Monday 20 April 2020

लॉक डाउन का पालन करने पर बाराबंकी शहर के हिंद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेजकालेज सफेदाबाद प्रबंधन ने बिना बताए एक कर्मचारी की सेवा समाप्त करने के सन्दर्भमें


From: anup srivastava <anup.pvchr@gmail.com>
Date: Sun, Apr 19, 2020 at 12:46 PM
Subject: लॉक डाउन का पालन करने पर बाराबंकी शहर के हिंद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेजकालेज सफेदाबाद प्रबंधन ने बिना बताए एक कर्मचारी की सेवा समाप्त करने के सन्दर्भमें
To: <cmup@nic.in>
Cc: <csup@nic.in>, <dmbab@nic.in>, pvchr.india <pvchr.india@gmail.com>, Dr. Lenin Raghuvanshi <lenin@pvchr.asia>


सेवा में,                                          19 अप्रैल, 2020

माननीय मुख्यमंत्री महोदय,

उत्तर प्रदेश सरकार,

लखनऊ

विषय : लॉक डाउन का पालन करने पर बाराबंकी शहर के हिंद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज कालेज सफेदाबाद प्रबंधन ने बिना बताए एक कर्मचारी की सेवा समाप्त करने के सन्दर्भ में |

महोदय,

      आपको सादर यह अवगत कराना चाहता हूँ कि सरकार द्वारा लगातार इस अपील और आदेश कि कोइ भी कंपनी किसी कर्मचारी का न तो वेतन कटे और ना ही उन्हें कार्यमुक्त करे इसके बावजूद भी प्राईवेट कंपनिया अपनी मनमानी करते हुए सरकारी आदेशो की खुलेआम अवहेलना करते हुए मानवता के विरुद्ध कार्य कर रही है |

आपका धयान इस और आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि लखनऊ की रहने वाली सुप्रियम मिश्रा  बाराबंकी शहर के हिंद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज कालेज सफेदाबाद में सितम्बर 2019 से  एच आर मैनेजर के पद पर कार्यरत थी | कोरोना वायरस के महामारी से बचने हेतु माननीय प्रधानमंत्री व माननीय मुख्यमंत्री द्वारा धोषित लॉक डाउन का पालन करते हुए सभी नागरिको की भाति पीडिता सुप्रियम भी अपने घर में ही रह रही थी | जिसकी सुचना उन्होंने 25 मार्च 2020 को ही अपने चेयरपर्सन डा0 रिचा मिश्रा को लिखित में दी थी | इसके साथ ही सार्वजनिक साधन न चलाने के कारण भी वोअपने कार्यालय जाने में असमर्थ थी | वही दूसरी तरफ उनके पति के हाथ व कंधे में फ्रैक्चर होने के कारण भी उनका मडियांव लखनऊ से सफेदाबाद जाने में असमर्थ थी | इस कारण पीडिता ने 31 मार्च 2020 को अपने चेयरपर्सन को घर से ही रहकर कार्य करने की अनुमति माँगी थी लेकिन उन्होंने उसे अस्वीकार्य कर दिया |

इसके बाद 16 अप्रैल को पति के स्वस्थ्य में सुधार होने के बाद जब पीडिता अपने कार्यालय पहुँची तो वहां सहकर्मियों द्वारा यह पता चला कि पीडिता की जागे किसी अन्य व्यक्ति कि नियुक्ति कर दी गयी है | जबकि पीडिता को निकले जाने की कोइ भी नोटिस पीडिता को नहीं दी गयी और उसे अचानक से निकल दिया गया जो कि कंपनी पालिसी का भी उल्लंघन है | वही दूसरी तरफ पीडिता के पति का स्वस्थ्य ठीक न होने से परिवार की सभी जिम्मेदारी पीडिता के ऊपर है |

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया इस अमानवीय कृत को संज्ञान में लेते हुए उपरोक्त कंपनी द्वारा शासनादेश की अवहेलना करने पर उसके ऊपर कानूनी कार्यवाही करते हुए पीडिता को अविलम्ब नौकरी पर रखने का आदेश दिया जाय | साथ ही सभी कर्मचारियों के वेतन को निर्गत कराने की कृपा करे |

 

संलग्नक –

1.       पीडिता का पत्र |

2.       कंपनी को भेजे गए सूचना की प्रति |

प्रतिलिपि –

1.       जिलाधिकारी, बाराबंकी |

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

Lenin Raghuvanshi

Founder and CEO

People's Vigilance Committee on Human Rights (PVCHR)

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