From: anup srivastava <anup.pvchr@gmail.com>
Date: Fri, Mar 27, 2020 at 2:00 PM
Subject: अति महत्वपूर्ण : "जंगलो-पहाड़ो को लांघते पैदल चले 200 KM, 65 घंटे में सिर्फ बिस्कुट और एकबार खाना खाया, 12 लोगो की दर्दनाक दस्ता"
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अति महत्वपूर्ण
सेवा में, 27 मार्च, 2020
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |
महोदय,
आपका ध्यान दिनांक 27 मार्च, 2020 के ऑनलाइन समाचार पोर्टल "जनसत्ता" के इस खबर "जंगलो-पहाड़ो को लांघते पैदल चले 200 KM, 65 घंटे में सिर्फ बिस्कुट और एक बार खाना खाया, 12 लोगो की दर्दनाक दस्ता" की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ | उत्तराखंड के उत्तर काशी से पैदल चले ये मजदूर फिलहाल देहरदून पहुच चुके है | अभी इन्हें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर पहुचना है जो कि देहरादून से 60 किमी दूर है | इन 12 मजदूरों में से केवल एक के पास मास्क है, यह भी अवगत कराना है कि लाक डाउन के दौरान इन मजदूरों के कांट्रेक्टर ने इन्हें बिना काम के खाना और पैसा देने से साफ मना कर दिया | ऐसे में इन मजदूरों के पास अपने घर जाने के आलावा कोई चारा नहीं था | साधन के आभाव में ये पैदल ही चल दिए |
अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि इन मजदूरों को अविलम्ब सभी आवश्यक वस्तुए उपलब्ध कराते हुए इन्हें इनके घरो तक सुरक्षित पहुचाने हेतु स्थानीय प्रशासन को दिशा निर्देश दिया जाय | साथ ही पूरे देश में जहाँ भी प्रवासी मजदूर इस तरह का संकट झेल रहे है उनके सहायता के लिए सभी प्रदेश के मुख्य सचिव को यह निर्देशित किया जाय कि इन्हें प्राथमिकता देते हुए ऐसे प्रवासी मजदूरों को उनके आवश्यकता की वस्तुए और उनके सुरक्षित घर पहुचाने की व्यवस्था की जाय | जिससे इस संक्रमित बीमारी कोरोना से इन्हें व देश को बचाया जा सके |
संलग्नक :
1. ऑनलाइन समाचार पोर्टल "जनसत्ता का लिंक
भवदीय
डा0 लेनिन रघुवंशी
सीईओ
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
+91-9935599333
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