Tuesday, 7 April 2020

मां के अंतिम संस्कार के लिए निकले बेटे को पुलिस ने बेरहमी से पीटा, मुखाग्नि नहीं दे पाया बेटा



---------- Forwarded message ---------
From: PVCHR Communication <cfr.pvchr@gmail.com>
Date: Sun, Mar 29, 2020 at 2:10 PM
Subject: मां के अंतिम संस्कार के लिए निकले बेटे को पुलिस ने बेरहमी से पीटा, मुखाग्नि नहीं दे पाया बेटा
To: cr.nhrc <cr.nhrc@nic.in>, <chairnhrc@nic.in>, covdnhrc <covdnhrc@nic.in>, NHRC <ionhrc@nic.in>
Cc: lenin <lenin@pvchr.asia>


To, 
The Chairperson 
National Human Rights Commission 
New Delhi

Respected Sir, 

I want to bring in your attention towards the news published in the Daily Bihar on 27th March, 2020 regarding मां के अंतिम संस्कार के लिए निकले बेटे को पुलिस ने बेरहमी से पीटा, मुखाग्नि नहीं दे पाया बेटा https://thedailybihar.com/corona-update-2/?fbclid=IwAR0lVoVw-tdsK9RmEuZyNGnkZdmN4hbIwzeQOVrhYBao0djVLtJGw-s81qY

Therefore it is a kind request please take appropriate action at earliest. 

Thanking You

Sincerely Yours

Lenin Raghuvanshi
Founder and CEO
Peoples' Vigilance Committee on Human Rights 

मां के अंतिम संस्कार के लिए निकले बेटे को पुलिस ने बेरहमी से पीटा, मुखाग्नि नहीं दे पाया बेटा

March 27, 2020
4102
  • प्रियांशु

कोरोना वाइरस की वजह से देश में पूरी तरह से लॉक डाउन पर अमल किया जाना जरूरी है. लेकिन इस दौरान कई ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जहां पुलिस का अमानवीय पक्ष नजर के सामने आ रहा है. कई ऐसे मामले सामने आये हैं जिनमें दूर रहने वाले लोग जब अपने मृत माता-पिता और करीबी रिश्तेदारों का अंतिम संस्कार करने के लिये निकले तो उन्हें पुलिस की सख्ती का शिकार होना पड़ा.

ऐसा ही कुछ मामला है ठाणे में फर्नीचर का कारोबार करनेवाले भैरों लाल लोहार का। 25 मार्च को उन्हे उस वक्त सदमा लगा जब खबर आई कि उनकी मां रूक्मिणी बाई का राजस्थान के राजसमंद जिले में निधन हो गया है.भैरों लाल का अंतिम संस्कार में जाना बेहद जरूरी था. लेकिन समस्या यह थी कि कर्फ्यू के दौरान वो जाए कैसे? मां के जाने कि पीड़ा तो उन्हें सता ही रही थी, कर्फ़्यू की स्थिति भी उन्हे खाए जा रही थी.

उन्होंने अपने दोस्तो से मदद लेकर जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम किया. जिसमें बैठकर भैंरो लाल और उनका परिवार राजस्थान जा सकता था. भैंरो लाल ने व्हॉट्सएप के जरिए गांव से मां का मृत्यु प्रमाण पत्र मंगाया और प्रिंटआउट दिखा कर स्थानीय पुलिस से बाहर निकलने की अनुमति मांग ली.

गुजरात पुलिस का क्रूर चेहरा आया सामने

सफर के दौरान पूरे महाराष्ट्र भर में भैरोलाल को कोई दिक्कत नहीं आई. लेकिन गुजरात के बॉर्डर पर पहुंचते ही गुजरात पुलिस ने उन्हें धर लिया. और पुलिस ने उनकी एक ना सुनी भैरोलाल रोते रहे पुलिस वालो के सामने गिड़गिड़ाते रहे, खूब फरियाद की. लेकिन उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया. वे मोबाईल पर वीडियो कॉल के जरिये अपनी मृत मां का शव भी सबूत के तौर पर दिखाने लगे लेकिन मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनका मोबाइल ही उठाकर फेंक दिया, और मृत्यु प्रमाण-पत्र फाड़ दिया.

नहीं दे पाया मुखाग्नि

भैंरो लाल, उनके भाई और एंबुलेंस के ड्राईवर की गुजरात पुलिस ने डंडों से इतनी पिटाई की कि निशान तीनों के शरीर पर तीन दिन बाद भी नजर आ रहे थे. एंबुलेंस में बैठी भैंरो लाल की पत्नी ने खूब गुज़ारिश की लेकिन पुलिस ने उनकी भी एक नहीं सुनी. पुलिस के ऐसे गुंडा अवतार के कारण बेचारे भैंरो लाल अपनी मां की चिता को मुखाग्नि देने से महरूम रह गये.


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